कैसे बचें स्वाइन फ्लू से?
स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा खतरा है पांच साल से छोटे बच्चों। गभर्वती महिलाओं, मधुमेह और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को लेकिन थोड़ी से सावधानी से स्वाइन फ्लू को दूर रखा जा सकता है।
अगर यह बीमारी हो भी जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। स्वाइन फ्लू से निपटने के उपाय और इसे कैसे पहचान की जाए?
- स्वाइन फ्लू का बुखार आम बुखार की तरह ही है।
- तेज बुखार के साथ जुकाम, गले में दर्द, खांसी हो सकती है।
- आम फ्लू और स्वाइन फ्लू में अंतर करना मुश्किल है।
- सांस की तकलीफ होने पर गम्भीर हो सकती है।
- बलगम के साथ खून आने पर तुरंत अस्पताल जाए।
- शुरुआत में आम बुखार की दवाई से ही स्वाइन फ्लू ठीक हो सकता है।
- बुखार 3 दिन बाद भी कम नहीं होने पर टेस्ट करवाएं।
- भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- साफ-सफाई का ख्याल रखें, बाहर से आने पर हाथ जरूर धोएं।
- स्वाइन फ्लू का पता चलने पर ही टेमीफ्लू दवाई लें।
अगर यह बीमारी हो भी जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है। स्वाइन फ्लू से निपटने के उपाय और इसे कैसे पहचान की जाए?
- स्वाइन फ्लू का बुखार आम बुखार की तरह ही है।
- तेज बुखार के साथ जुकाम, गले में दर्द, खांसी हो सकती है।
- आम फ्लू और स्वाइन फ्लू में अंतर करना मुश्किल है।
- सांस की तकलीफ होने पर गम्भीर हो सकती है।
- बलगम के साथ खून आने पर तुरंत अस्पताल जाए।
- शुरुआत में आम बुखार की दवाई से ही स्वाइन फ्लू ठीक हो सकता है।
- बुखार 3 दिन बाद भी कम नहीं होने पर टेस्ट करवाएं।
- भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- साफ-सफाई का ख्याल रखें, बाहर से आने पर हाथ जरूर धोएं।
- स्वाइन फ्लू का पता चलने पर ही टेमीफ्लू दवाई लें।
0 comments:
Post a Comment